एक पत्रिका बनी आईएएस बनने की प्रेरणास्रोत

Motivation

हर साल ऐसी कई कहानियां आपको पढ़ने मिलती होंगी जिसमें यूपीएससी निकालने वाले छात्र अपने अनुभव को साक्षा करते हैं। वो बताते हैं कि किस तरह से उन्हे इसकी तैयारी करने की प्रेरणा मिली। अपनी तैयारी के दौरान किए गए गलतियों को भी बताते हैं जिससे कोई और ऐसी गलती नहीं करें। यूपीएससी को देश का सबसे कठिन इंग्जाम माना जाता है। इसमें हर साल लाखों लोग परीक्षा देते हैं लेकिन कुछ लोग ही अपनी मंजिल तक पहुंचते हैं। आज की कहानी एक ऐसी महिला की है जिसने अपनी कामयाबी से अपने परिवार के साथ-साथ हरियाणा का नाम भी रौशन कर दिया।

हरियाणा के पानीपत निवासी सोनल गोयल यूपीएससी परीक्षा में अच्छा रैंक हासिल कर आईएएस ऑफिसर बनी। सोनल ने बताया कि उन्हे इस परीक्षा के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, लेकिन एक मैगजीन ने उनकी जिन्दगी बदल दी।

मैगजीन ने दिखाई दिशा

सोनल ने अपनी स्कूली शिक्षा को दिल्ली से ही पूरी किया है। 12 वीं कक्षा में अच्छा अंक हासिल करने के बाद सोनल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रीराम कॉलेज ऑफ कामर्स में दाखिला लिया। सोनल ने इसके साथ ही सीएस की भी पढ़ाई शुरु कर दी थी। इस वक्त तक सोनल को यूपीएससी की परीक्षा का कोई आइडिया नहीं था। लेकिन इसी दौरान उन्होने एक मैगजीन मं यीपीएससी से जुड़ा एक लेख पढ़ा। जिसके बाद उन्हे भी आईएएस बनने की इच्छा हुई। सोनल ने इसके बाद इस परीक्षा को निकालने का मन बना लिया। जब सोनल ने अपनी इच्छा पिता को बताई तो उन्होने य़े कहकर इंकार कर दिया कि ये परीक्षा काफी मुश्किल होती है। लेकिन सोनल के जिद की वजह से उनके पिता मान गए।

नौकरी के साथ यूपीएससी किया क्रैक

अपनी सीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद सोनल ने DU में एलएलबी में एडमिशन ले लिया। इसी के साथ उन्होने कंपनी में सचिव के तौर पर काम करना भी शुरु कर दिया। सोनल ने पहले प्रयास में प्री और मेन्स को पास कर लिया था लेकिन इंटरव्यू में चयन नहीं हो पाया था। लेकिन सोनल ने हार नहीं मानी। अपनी गलतियों से सीकते हुए सोनल ने वापस से इस परीक्षा की तैयारी शुरु की और दूसरे प्रयास में सोनल ने 13 वां रैंक हासिल किया।

कई पुरस्कार से हुई सम्मानित

सोनल की पहली पोस्टिंग त्रिपुरा कैडर में हुई थी। खाना अलग होने की वजह से उन्हे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा था। कुछ साल बाद सोनल की पास्टिंग हरियाणा में हो गई। हरियाणा  में उन्होने कई बड़े पदों पर काम किया। उनके काम से प्रभावित होकर उन्हे कई नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। सोनल को गोमती जिले में महिलाओं के क्षेत्र में अच्छा काम करने के लिए मिनिस्ट्री ऑफ वुमन एंड चाइल्ड डेवलपमेट की ओर से सम्मानित किया गया था।

सोशल मीडिया से युवाओं को देती प्रेरणा

सोनल अपने सोशल मीडिया के सहारे युवाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं। इस परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को भी इससे जुड़ी कई महत्वपूर्ण बाते बताती हैं। सोनल अपने जिन्दगी के अनुभवों को शेयर करती है जिससे आज के युवा उनसे प्रेरित होकर अपने मंजिल को पा सकें।

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