मैं मुल्क की हिफाजत करूँगा,
ये मुल्क मेरी जान है,
इसकी रक्षा के लिए,
मेरा दिल और जां कुर्बान है।
भारत देश में कई ऐसे वीर जवान हैं जिन्होंने देश की रक्षा करने के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया है। यहां तक कि भारत के कई योद्धा दुश्मनों के गढ़ में घुसकर उन्हें सबक सिखा कर आए हैं। इन्हीं वीर जवानों में से एक जवान हैं विंग कमांडर श्री अभिनंदन वर्धमान। जिनके नाम से आज हर कोई परिचित है। दुश्मनों के घर में घुसकर उन्हें सबक सिखाने वाले श्री अभिनंदन की वीर गाथाएं आज पूरी दुनिया में सुनाई जाती हैं। आइए जानते हैं, देश के लिए बिना किसी डर के दुश्मनों को परास्त करने वाले ग्रुप कैप्टन श्री अभिनंदन वर्धमान के बारे में।
देश सेवा करने की जुनूनीयत
तमिलनाड़ू के एक सामान्य परिवार में जन्में अभिनंदन वर्धमान बचपन से ही देश सेवा करना चाहते थे। उनके पिता, जाने-माने पायलट और मां डॉक्टर हैं। अभिनंदन के अंदर बचपन से ही बहादूरी के गुण विद्यमान थे। अभिनंदन की शुरुआत सैनिक कल्याण स्कूल, चेन्नई, अमवातिनगर से हुई| जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) से स्नातक का पढ़ाई पूरी की। जिसके बाद साल 2004 में अभिनंदन को भारतीय वायु सेना में एक लड़ाकू पायलट के रूप में नियुक्त किया गया था।
फाइटर पायलट का खिताब
अपने 15 सालों के करियर में श्री अभिनंदन वर्धमान दो बार प्रमोट हो चुके हैं। पहले उन्हें एक निपुण सुखोई 30 फाइटर पायलट का खिताब मिला। बाद में उनके युद्ध कौशल को देखते हुए, उन्हें विंग कमांडर के रूप में पदोन्नत किया गया। इसके बाद उन्हें मिग 21 सौंप दिया गया| उनकी एयरफोर्स की ट्रेनिंग भटिंडा और हलवारा में हुई है। वह सूर्य किरण एक्रोबेटिक टीम से हैं।
आतंकियों से लिया बदला
14 फरवरी साल 2019 को आतंकवादियो द्वारा पुलवामा के अवन्तिपोरा क्षेत्र में सीआरपीएफ़ को टार्गेट बनाकर उनके काफिले पर हमला किया गया था। इस कायराना हमले में भारत के 40 जवान शहीद हो गए थे। जिसके कारण हर कोई आक्रोश में था। पुलवामा हमले में शहीद हुए वीरों की शहादत का बदला लेने के लिए वायु सेना ने 26 फरवरी को पाक-अधिकृत कश्मीर में प्रवेश किया और आतंकवादियों के प्रशिक्षण शिविर को नष्ट कर दिया।
F-16 को ध्वस्त किया
विंग कमांडर अभिनंदन ने मिग 21 के साथ दुश्मनों पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने पाकिस्तान के लड़ाकू विमान F-16 को मार गिराया। लेकिन इसी बीच उनका विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और अभिनंदन वर्धमान को पाकिस्तान की आर्मी ने अपने कब्जे में ले लिया। लेकिन इसके बाद भी श्री वर्धमान घबराए नहीं। उन्होंने पाकिस्तानी सेना की प्रताड़ना का जवाब अपनी बहादूरी के साथ दिया। आखिरकार भारत और अंतर्राष्ट्रीय दबाव के कारण पाकिस्तान ने 1 मार्च को अभिनंदन वर्धमान को रिहा कर भारतीय सेना को सौंप दिया।
वीर चक्र से सम्मानित
बालाकोट एयर स्ट्राइक में अपना ज़ज्बा दिखाने वाले विंग कमांडर अभिनंदन को भारत सरकार ने वीर चक्र से सम्मानित किया था। यही नहीं उनके कार्यो को देखते हुए उन्हें विंग कमांडर से ग्रुप कैप्टन के रूप मे पदोन्नत किया गया है। अभिनंदन वर्धमान आज हर किसी के हीरो बन गए हैं। उनकी बहादूरी की हर ओर प्रशंसा की जाती है।
आज उनकी जितनी भी तारीफ की जाए कम है। वह लोगों के लिए प्रेरणा हैं।