एलियंस को लेकर दुनियाभर में ऐसे कई दावे किए गए हैं कि एलियंस किसी ना किसी रुप में मौजूद हैं। बड़े बड़े वैज्ञानिकों ने भी पृथ्वी के अलावा दूसरे ग्रहों पर जीवन होने की बात को नकारा नहीं है। दुनियाभर में अबतक एलियंस को लेकर कई फिल्म भी आ चुकी हैं। लेकिन अब तक किसी को नहीं मालूम की आखिर वास्तव में दूसरे ग्रह के प्राणी कैसे दिखते हैं।
एलियंस को लेकर किए गए तरह-तरह के दावों के बीच अब वैज्ञानिकों को एलिंयस मिल गए हैं। इस दावे को सच साबित करने के लिए वैज्ञानिकों को एक अहम कारण मिल गया है। बता दें इस बार एलियंस धरती से ज्यादा दूर नहीं बल्कि काफी पास में पाए गए हैं। वैज्ञानिक का अगला कदम अब ये है कि वो किस तरह इन्हे अब धरती पर लेकर आए।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के पास मिले एलियंस

मानव इतिहास के सबसे बड़ी पहेलियों का अब जवाब मिल पाएगा। इंसान कई दशकों से इस खोज में जुटा है कि क्या ब्रहमाण्ड में हम अकेले हैं? क्या पृथ्वी के अलावा कहीं और जीवन है? आज इन सवालों का जवाब मिल जाएगा। बता दें वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के काफी पास ही कामयाबी मिल गई है। जी हां वैज्ञानिकों को एलियंस बहुत दूर नहीं बल्कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के पास ही मिला है।
एलियंस का मिला अलग रुप

वैज्ञानिकों ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के पास जिस एलियंस की खोज की है वो दरअसल बैक्टीरिया के रुप में हैं। काफी खोज के बाद ये पाया गया कि ये एलियंस रॉड के आकार के हैं और इनके 3 वैरियंट हैं जो अबतक धरती पर नहीं पाए जाते हैं। अब आप सोचेंगे कि एक बैक्टीरिया को एलियंस कैसे कहा जा सकता है। बता दें धरती के बाहर अगर कहीं भी जीवन पाया जाता है तो उनको एलियंस की श्रेणी में ही रखा जाता है।

नासा ने रिसर्च के बात बताया कि ये एलियंस जो बैक्टीरिया के रुप में धरती से 250 मील की दूरी पर हैं। इसके साथ एक अहम जानकारी देते हुए कहा कि ये बैक्टीरिया दिनभर में धरती के 15 बार चक्कर लगा लेते हैं। नासा के वैज्ञानिकों का अब अगला कदम इन बैक्टीरिया को धरती पर लाना है। जिसके बाद वो इनपर गहराई से अध्ययन कर एलियंस के गुत्थी को सुलझाने के थोड़ा और करीब आ पाएंगें। बता दें वैज्ञानिकों का मानना है कि सूक्ष्म जीव मंगल ग्रह पर आबादी बढ़ाने में भी सहायता कर सकते हैं।