आज की तारीख में शराब ने अपनी अहमियत इतनी ज्यादा बढ़ा ली है कि कुछ लोगों के लिए यह भोजन और यहाँ तक कि पानी से भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो चुका है।
सबसे बड़ी बात कि अब एक कम पढ़ा-लिखा व्यक्ति यदि इस तरह की आदतों में शुमार तो रहता ही है पर अब स्कूल के बच्चे भी शराब को बेचने में लगे हैं। आज हम आपको झारखंड के एक ऐसी घटना के बारे बताएंगे जहाँ स्कूल ड्रेस के लिए मिलने वाले सरकारी पैसों से छात्रों ने शराब का अवैध धंधा शुरू कर दिया। आइये जानते हैं इस घटना के बारे में।
छात्रों पर शराब तस्करी का आरोप
झारखंड के दुमका जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है जो आपके होश उड़ा सकती है। दरअसल, हंसडीहा थाना पुलिस ने अवैध शराब के साथ 3 छात्रों को पकड़ा है। ये ऐसे छात्र है जो स्कूल में पढ़ते हैं। तीनों झारखंड से शराब ले जाकर बिहार में बेचते थे। इन पर यह आरोप है कि तीनों स्कूली छात्र स्कूल से यूनिफॉर्म के लिए मिले सरकारी पैसों से अवैध शराब का कारोबार करने लगे थे। इसके साथ ही इन तीनों छात्रों पर शराब की तस्करी करने का भी आरोप है।
बिहार के रहने वाले है छात्र
जिन तीनों छात्रों को पकड़ा गया है वो बिहार के रहने वाले हैं। ये तीनो सरकार की योजना पोशाक राशि से मिले गए पैसों से शराब का कारोबार करने में लगे थे। इनकी पहचान बिहार के भागलपुर जिले इस्माईलपुर थाना क्षेत्र के छोटी पर्वता गांव निवासी, संजीव कुमार, निलेश कुमार और प्रीतम कुमार के रूप में की गई. वहीं, पुलिस ने बरामद शराब सहित तीनों शराब तस्करों को आगे की कार्रवाई के लिए उत्पाद विभाग के सुपुर्द कर दिया गया है।
छात्रों ने अपना जुर्म स्वीकारा
वहीं मामले में पकड़े गए तीनों छात्रों ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है। उनके द्वारा अपने बयान में कहा गया है कि वह अपने स्कूल के द्वारा सरकार के तरफ से मिलने वाले पोशाक राशि के रुपये से यह गलत धंधा करते थे। धंधा शुरू करने के बाद से ही इन्हें मुनाफा होने लगा फिर बाद में इनका मनोबल और बढ़ा फिर यह बिहार के सीमावर्ती राज्य झारखंड से शराब खरीदकर उसे अलग-अलग थैले में भरकर बिहार लाने लगे थे। बिहार में इसे बेचकर रुपये कमाने का चस्का इन्हें लगा था।