गुरलीन चावला की कहानी, जिन्होंने बंजर में उगा दिए Strawberry

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“कई जीत बाकी है कई हार बाकी है,
अभी तो जिंदगी का सार बाकी है,
यहाँ से चले है नई मंजिल के लिए
यह एक पन्ना था अभी तो किताब बाकी है”।

यह पंक्तियां 23 साल की गुरलीन चावला पर सटीक बैठती है। गुरलीन पेशे से लॉ की छात्रा है लेकिन उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ स्‍ट्रॉबेरी की खेती कर सभी के लिए एक मिसाल कायम कर दी है। गुरलीन के कार्य की सराहना खुद प्रधानमंत्री ने भी की थी। आइए जानते हैं गुरलीन चावला के बारे में।

गुरलीन चावला का परिचय

गुरलीन चावला उत्तर प्रदेश के झांसी की रहने वाली है। 31 जनवरी को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने गुरलीन चावला के कार्यों की प्रशंसा की थी। 23 वर्षीय गुरलीन झांसी में लॉ की छात्रा है। गुरलीन जहां रहती है वहां अत्याधिक गर्मी पड़ती है लेकिन इसके बाद भी गुरलीन ने स्‍ट्रॉबेरी की खेती कर सभी को चौंका दिया है। गुरलीन ने पहले अपने घर पर और फिर अपने खेत में स्‍ट्रॉबेरी की खेती का सफल प्रयोग कर यह विश्वास जगा दिया है कि झांसी में भी इसकी खेती हो सकती है।

एलएलबी की पढ़ाई किया

गुरलीन पुणे के प्रतिष्ठित लॉ कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई कर रही हैं। कोरोना काल में लॉकडाउन की वजह से उन्‍हें झांसी आना पड़ा। स्ट्रॉबेरी खाने की शौकीन गुरलीन ने शुरू में अपने घर के गमलों में स्ट्राबेरी के कुछ पौधे लगाए। इसके अच्छे नतीजे आने पर उन्होंने पिता के फार्म हाउस पर लगभग डेढ़ एकड़ भूमि पर स्ट्राबेरी की खेती शुरू कर दी। गुरलीन के कार्यों को देखकर हर कोई अचंभित हो गया।

अन्य किसान भी हुए आकर्षित

गुरलीन को स्‍ट्रॉबेरी खेती करते देख अन्य किसान भी इस ओर आकर्षित होने लगे। जिसके बाद सरकार भी स्ट्रॉबेरी फेस्टिवल के जरिए किसानों को स्ट्रॉबेरी उगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। झांसी में पहली बार स्‍ट्रॉबेरी महोत्‍सव का आयोजन किया गया। यह आयोजन 17 जनवरी से शुरू हुआ था। इस आयोजन में उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने भी गुरलीन के इस कार्यों की प्रशंसा की थी। उन्होंने कहा कि झांसी में हुआ स्ट्रॉबेरी का उत्पादन और यहां हो रहा स्ट्रॉबेरी महोत्सव चमत्कार से कम नहीं है।

प्रधानमंत्री ने भी की प्रशंसा

गुरलीन चावला के इस अनोखे कार्य की प्रशंसा प्रधानमंत्री मोदी ने भी की है। पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में झांसी में चल रहे स्ट्रॉबेरी महोस्तव का जिक्र किया था बल्कि गुरलीन चावला के प्रयासों की भी खूब सराहना की थी। पीएम मोदी मन की बात में कहा था कि ‘पिछले दिनों झांसी में एक महीने तक चलने वाला स्‍ट्रॉबेरी फेस्‍टीवल शुरू हुआ। हर किसी को आश्चर्य होता है कि स्‍ट्रॉबेरी और बुंदेलखंड, लेकिन, सच्चाई यही है। अब बुंदेलखंड में स्‍ट्रॉबेरी की खेती को लेकर उत्साह बढ़ रहा है, और इसमें बहुत बड़ी भूमिका झांसी एक बेटी गुरलीन चावला ने निभाई है।

प्रधानमंत्री के तारीफ के बाद गुरलीन चावला को और हौसला मिला है। उनकी जितनी तारीफ की जाए कम है। आज वह लोगों के लिए प्रेरणा हैं।

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