मैं समय हूं…अब तक आपने महाभारत में सिर्फ आवाज ही सुनी होगी, आज चेहरा भी देख लीजिए

महाभारत का पहला एपिसोड 32 साल पहले 2 अक्टूबर, 1988 को दूरदर्शन पर प्रसारित किया गया था। इसके कुल 94 एपिसोड प्रसारित किए गए थे। 10 में से 8.9 की IMDB रेटिंग के साथ, महाभारत को भारत में सबसे फेमस टीवी सीरियल में से एक माना जाता है। टीवी सीरीज़ बनाने की कुल लागत 9 करोड़ रुपये थी।

भूमिका में अधिकतर लोग शामिल होना चाहते थे ।

यह शो वेद व्यास द्वारा लिखित पुस्तक पर आधारित है, जिसे भारत में पवित्र पुस्तकों में से एक माना जाता है। टीवी धारावाहिक रवि चोपड़ा द्वारा निर्देशित और बीआर चोपड़ा द्वारा निर्मित था। महाभारत टीवी सीरियल के लिए शोध करने वाले सतीश भटनागर और उनकी टीम ने महाभारत पर विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध सभी पुस्तकों का अध्ययन किया था। महाभारत टीवी शो में विभिन्न भूमिकाओं को निभाने के लिए 15,000 से अधिक लोगों ने रुचि दिखाई थी। स्क्रीनिंग के बाद उनमें से 1500 को कास्टिंग विभाग द्वारा शॉर्टलिस्ट किया गया और वीडियो स्क्रीन टेस्ट के लिए बुलाया गया।

मैं समय हूं ” किसने किया यह किरदार।

महाभारत कथा’ वाले टाइटल गीत के बाद ही ‘समय’ की आवाज स्क्रीन पर आती थी । अंधेरी सी स्क्रीन की पहली लाइन होती थी ‘मैं समय हूं’ जो उन दिनों लोगों की जुबां पर रट गई थी । हर कोई ये जानने की इच्छा रखता था कि आखिर महाभारत का ये किरदार किसने किया है? बीआर चोपड़ा की महाभारत में हरीश भिमानी ने ये आवाज दी थी । समय को अपनी आवाज देने वाले कलाकार हरीश भिमानी भारत के दिग्गज वायस ओवर कलाकारों में से एक हैं । हरीश भिमानी की इस आवाज ने लोगों के ऊपर अपना जादू चला दिया था ।

पहले दिलीप कुमार के नाम पर हुआ था विचार।

बताया जाता है कि सूत्रधार के लिए पहले दिलीप कुमार के नाम पर भी विचार किया गया था जो चोपड़ा कैंप के काफी करीब थे. लेकिन फिर तय किया गया कि इस काम के लिए किसी पेशेवर वीओ कलाकार को ही लिया जाए और कई सफल आर्टिस्ट की आवाज सुनकर बीआर चोपड़ा, राही मासूम रजा और पंडित नरेंद्र शर्मा ने हरीश को चुना ।

तीसरी बार की रिकॉर्डिंग में हुआ फाइनल ।

हरीश के आवाज को पहली या दूसरी नही तीसरी रिकॉर्डिंग में लिया गया। मैं समय हूं… जब तीसरी बार हरीश ने यह बोला तो फिर वो फाइनल हो गया । हरीश भिमानी को मराठी डॉक्यू-फीचर ‘माला लाज वाटत नाही’, जिसका हिंदी में अर्थ है ‘मुझे शर्म नहीं आती’ में सर्वश्रेष्ठ वीओ के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

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