मौजूदा स्थिति में खेती की खराब स्थिति को देकते हुए किसान अपनी आने वाले पीढ़ी को खेती के अलावा कोई और काम करने का कहते हैं। बढ़ते हुए डीजल, बीज के दाम और मौसम की अनिश्चितता ने किसानों के आर्थिक हानि पहुंचाई। इसके बाद फसल के सही दाम नहीं मिलने के कारण उन्हे आर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन क्या आपको पता आज भी खेती के ऐसे तरीके मौजूद हैं जिससे करोड़पति बना जा सकता है। इस बात को महाराष्ट्र के रहने वाले समीर डॉम्बे ने साबित किया है। समीर ने अंजीर की खेती से अपनी कंपनी का टर्नओवर 1.5 करोड़ कर लिया है।
कैसे हुई शुरुआत

समीर डॉम्बे महाराष्ट्र के दौड़ के रहने वाले हैं। अपने इंजीनियरिंग की पढ़ाई कत्म करने के बाद उन्हे एक मल्टीनेशनल कंपनी में हाई सैलरी वाली जॉब भी मिल गई थी। नौकरी के कुछ दिन तक तो सब सही था लेकिन समीर के मन हमेशा कुछ अलग और इनोवेटिव करने का ख्याल आता रहता था। आखिरकार समीर ने अपनी नौकरी छौड़ दी और अपने गांव वापस आ गए। उनके माता-पिता को जब ये बात पता चली तो उन्होने इसपर नाराजगी जताई। लेकिन समीर अपने फैसले से पीछे नहीं हटे। गांव आकर समीर ने अंजीर की खेती करना और उसे मार्केट तक पहुंचाना शुरु किया।
समीर बने करोड़ों टर्नओवर बिजनेस के मालिक
समीर ने अपने साझात्कार में बताया कि उनका गांव जिस क्षेत्र में वहां अंजीर की खेती बहुत ज्यादा होती है। लेकिन किसानों को खेती के नए तरीके और आधुनिक बिजनेस के तरीके के बारे में पता नहीं होने के कारण मुनाफा काफी कम होता था। समीर ने अपने गांव आकर 1 एकड़ जमीन में अंजीर की खेती शुरु की। इसके साथ ही वो प्रोसेसिंग और पैकेजिंग का बी काम करते थे। खेती के नए तरीको से समीर ने अच्छे क्वालिटी का फसल उगाते थे जिससे उन्हे रेगुलर बेसिस पर मार्केट में सप्लाई शुरु हो गया। अपने व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए समीर ने इसे ऑनलाइन भी बेचना शुरु कर दिया।
1 दिन में मार्केट में पहुंचाते अंजीर

समीर ने बताया कि पहले फलों को मार्केट तक पहुंचने में दो या तीन दिन लग जाता था। जिसके कारण समीर ने इसे छोटे-छोटे पैकेट्स बनाकर एक दिन में मार्केट तक पहुंचा देते थे। समीर के इस कदम से बिचौलियों का काम बंद हो गया और उनके पैसे बचते थे। मार्केट में डिलीवरी के बाद जितने फल बच जाते समीर उससे जेली और जैम बना देते हैं।
इस तरह से समीर ने एक रिस्क लेकर अपनी सपने का पूरा किया। अपनी व्यापार में सफलता मिलने के बाद समीर पूरे गांव में मिशाल बन गए। अब समीर दूसरे किसानों को भी जानकारियां देते हे जिससे उनकी कमाई भी बढ़ सके।