वो कहते हैं ना जीत और हार आपके सोच पर निर्भर करती है। अगर आपने मान ली तो हार होगी और ठान ली तो जीत होगी। क्योंकि सफलता आपके असफलताओं के बाद का प्रयास होता है। वैसे भी दुनिया में सभी महान लोगों ने अपनी जिन्दगी में पहले कई बार हार का सामना किया है, उसके बाद ही आज वो अपने मुकाम तक पहुंचे हैं। आज की कहानी भी ऐसे ही लड़के की है जो 8 वीं में फेल होने के बाद भी करोड़ों के बिजनेस का मालिक बना है।
23 साल की उम्र में बना करोड़पति

त्रिशनित अरोड़ा का जन्म लुधियाना के एक मध्यम परिवार में हुआ था। हर परिवार के तरह उसके भी माता-पिता की इच्छा थी कि उनके बेटे को उच्च शिक्षा मिलें। लेकिन त्रिशनित को बचपन से ही पढ़ाई में बिल्कुल मन नहीं लगता था। हालांकि त्रिशनित की दीवानगी कंप्यूटर को लेकर बचपन से ही थी। वो कंप्यूटर को छोड़कर कोई भी किताब नहीं पढ़ते थे। जिसके कारण वो 8 वीं कक्षा में फेल हो गए। माता-पिता ने आगे उन्हे पढ़ाने की काफी कोशिश की लेकिन त्रिशनित नहीं मानें। फेल होने के बाद त्रिशनित ने रेगुलर पढ़ाई छोड़कर 12 वीं तक कॉरेस्पॉन्डेस से पढ़ाई पूरी की। त्रिशनित ने कंप्यूटर में ही अपना करियरर बनाने का फैसला कर लिया था। जिसके लिए उन्होने काम भी करना शुरु किया था। अपने काम की वजह से उन्हे महज 19 साल की उम्र में 60 रुपए का चेक मिला था।इसके बाद उन्होने एछिकल हैकिंग के क्षेत्र में इतन काम किया कि उनका नाम इस पिल्ड में मशगूर हो गया. त्रिशनित ने आगे चलकर टैक सिक्योरिटी नाम की अपनी खोल दी। उनकी कंपनी आज करोड़ों रुपए का व्यापार करती है।
हैंकिग पर लिखें कई किताब

त्रिशनित ने हैकिंग को लेकर कई किताबें लिखी हैं। इसमें हैकिंग टॉक विद त्रिशनित अरोड़ा, दि हैंकिंग एरा जैसी शानदार किताबें शामिल हैं। 23 साल की उम्र में स मुकाम तक पहुंचना एक बड़ी उपलब्धि के समान है। त्रिशनित ने यह मुकाम अपनी मेहनत, जज्बे, लग्न और आत्मविश्वास के कारण हासिल कर पाएं हैं। त्रिशनित के सफलता की ये कहानी हमें बताती है कि असफलताओं से हमें डरना नहीं चाहिए बल्कि इससे सीखते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहना चाहिए। जिससे एक दिन हम कामयाबी को हासिल कर ही लेंगे।